-अक्षय कुमार डाबी
जिसने तुमको जन्म दिया,
उनको छोड़ जाओगे।
आएगी तुम्हारी याद,
तड़पता उनको छोड़ जाओगे।
क्या हक़ था तुम्हरा जो तुमन छीन ली जिंदगी अपनी,
क्या उनके अहसानो को योंही बोल जाओगे।
सजाये है जो सपने उन्होंने तुमसे ,
क्या हक़ नही उन्हें उनपर जीने का।
जो कि थी जिद तुमने सब कुछ पाने की ,
क्या अब हक़ नही तुम्हरा कुछ उन्हें देने का।
माना कि तुम्हारी मुश्किल बहुत होगी ,
पर यो मरने से तो मुश्किल कम नही होगी।
कुछ कर ऐसा की दुनिया देखे तुम्हे ,
यो खुदारी की जिंदगी जीने का हक़ नही तुम्हें।
यह कविता रहेगी हमेशा मेरे फोन में ।
बहुत जरूरी हैं ऐसी रचनाएँ
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आपका धन्यवाद्. ये कविता हमारी जिस शार्ट फिल्म के उत्तर में लिखी गयी है, कृपया उसे भी देखकर प्रतिक्रिया दे.
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